कविता |
स्मृतींचे जुने सूर |
कुमार जावडेकर |
१७ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वेगळे |
मिलिंद फणसे |
१७ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
गझल |
फिनिक्स |
१७ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
गजरा |
मिलिंद फणसे |
१७ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हवे-नको ते... |
अजब |
१७ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
डाग |
विक्षिप्त |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
क्षितिज हरवले आहे |
कुमार जावडेकर |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
गजल |
फिनिक्स |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुला स्मरताक्षणी इतके बरसले चांदणे |
चित्त |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बकती समाजवादी बो-टाय लावणारे |
टीकाराम |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काफिले |
मानस६ |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मन जाहले...२ |
खोडसाळ |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
... तुझा चेहरा |
अजब |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चांदणे...२ |
खोडसाळ |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चांदणे |
वैभव जोशी |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बहाणा (गजल) |
जयन्ता५२ |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
समाज |
कुमार जावडेकर |
१७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कशाला...? |
खोडसाळ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
देवा तू धाव आता |
पंकजलालसरे |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी सावरतो... (गजल) |
अजब |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
भेट नजरांची...२ |
खोडसाळ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
घर पत्त्यांचे |
मृण्मयी |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
भेट नजरांची... |
जयन्ता५२ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ज़नाना पाहिला, आलो, खुळ्यागत हिंडणे आले |
खोडसाळ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तिला मला... |
ॐ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |