हझल |
विदेश |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
क्षणाचा सहवास |
राजेंद्र देवी |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
नजर नजरेशी अचानक आज बोलू लागली! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
किती मानहानी गिळली, काय तुला सांगू? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
ती रात्र... |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
तुझ्या स्मृतींची सळसळ होते! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
समुद्राच्या हायकू |
बकुळ |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
तू...मेघ पावसाचा! मी....चातकाप्रमाणे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
पडदे |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
ऐकत जावे तुला सारखे |
स्नेहदर्शन |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
पाश (गझल सदृश्य) |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
तीर्थ क्षेत्र |
शशांक पुरंदरे |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
पोटतिडकीला नको समजूस त्रागा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
मृत्यू स्वप्न... |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
ताटव्यांमधे काट्यांच्या फुलण्याचे धाडस केले! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
हृदयात कोरलेले एकेक नाव आहे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
मी सुखांना ठोकरून आलो! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
अव्याहत चालायाचे पायांनी कबूल केले! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
नभी मेघ हिंडायचे बंद झाले! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
आली सुमधुर संमोहक दिवाळी ... |
निमिष सोनार |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
फुले तुझी, पण, सुवास माझा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
जीव कोणी लावल्याचे ज्ञात नाही! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
दिवाळी अंक २०१३ - शरयूकाठचा चक्कीवाला |
कुमार जावडेकर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
प्रतीक्षा |
हर्षल खगोल |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
रोज पाहिजे तुला बहार जीवनामधे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |