| धुमसती गात्रे चितेवर, राख माझी शांत नाही | कविता, गझल | मिलिंद फणसे |
| पाऊस | कविता | अनिरुद्ध अभ्यंकर |
| असोशी | कविता | मृण्मयी |
| क्षितिजाची रेघ | कविता | प्रदीप वैद्य |
| चारोळ्या | कविता, चारोळ्या | मयूर ढोले |
| गप्पच राहतो.. | कविता | सिद्धेश साने |
| चारोळ्या | कविता, चारोळ्या | विदेश (विजयकुमार देशपांडे) |
| काव्यतरंग | कविता | हर्षवर्धन देशपांडे |
| छोट्या मुली... | कविता | उत्पल चंदावार |
| इलाखा शक्यतांनी किर्र पुढला | कविता, गझल | चित्तरंजन भट |
| तू व्यथा माळू नको | कविता, गझल | दर्शन शहा (स्नेहदर्शन) |
| आधी तुझा थोडा बहर दे | कविता, गझल | जयंत कुलकर्णी |
| दिवाळी | कविता | प्राची कर्वे |
| मी तर तेव्हा माझा नव्हतो उरलो | कविता | अज्ञात |
| जिंकण्याची जिद्द होती, हारणारा डाव होता | कविता, गझल | बदीऊज्जमा बिराजदार (साबिर शोलापुरी) |
| पुन्हा एकदा | कविता | हर्षवर्धन देशपांडे |