| १ |
गड नसलेली प्रचंड श्रीमंती लोखंडावर चढली की बाजारपेठ झाली (२) |
| ३ |
बारशालाच मुलगी नाममात्र वेदसंपन्न झाली (२) |
| १२ |
शेतात उपटलं का तुटकं स्वयंपाकघरातील अवजार (२) |
| १४ |
प्रथम सहा आकडी क्रमांकाचा नवीन फिरलेला नक्षल (२) |
| २१ |
मागे-पुढे कोण कळत नाही वाडकरांच्या इलाख्यात (५) |
| ३१ |
नेहमी गोरीला सोबत असून मला गोटी फोडायला लावते (३) |
| ३४ |
शुद्ध म्हणवणाऱ्याला तार आली की उलट्या कपा मध्ये गाळा (२) |
| ४१ |
काळ उलट मला अस्वच्छ करतो (३) |
| ४४ |
गुर्जरांच्या बोलण्याची बातमी झाली (२) |
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| १ |
थोडक्यात टिळकांच्या तीर्थरूपांचा अभिप्राय म्हणजे मजाच की (३) |
| ३ |
अपसव्य कोण ऋषीच्या पूर्वार्धामागे देणेकरी झाला (३) |
| ४ |
चालीस इंग्रजी भाग्य जोडलं की उतारुंना विहित ठिकाणी पोहोचवेल (३) |
| ५ |
मिसळलेला क्षण कर्तारचे जतन करणारा (५) |
| १२ |
सर्वात खालच्या मजल्यावरील घाण पाहून जिवाची तगमग (४) |
| ३१ |
परराज्यधार्जिण्या गोमंतकीय पक्षास उलथवणे वैगुण्य(२) |
| ३३ |
भाष्य काही करा वा करू नका, हिचा धनी होणे अटळ आहे (२) |
| ३४ |
ओठांचा हळुवार स्पर्श, उष्ण श्वास, की वेणू नादावलाच (२) |
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